आत्मा की शुद्धि के लिए तू कर्म की स्याही ईश्वर के कागज पर घोल..। आत्मा की शुद्धि के लिए तू कर्म की स्याही ईश्वर के कागज पर घोल..।
प्रकृति ईश्वर की कृति, अनादि, अनंत, अभेद, रहस्यमय। प्रकृति ईश्वर की कृति, अनादि, अनंत, अभेद, रहस्यमय।
निज परम पतन कारक पथगामी जय जय जय भूलोक के स्वामी। निज परम पतन कारक पथगामी जय जय जय भूलोक के स्वामी।
अमर हो गये गीधराज अमर कर गए अपना नाम। अमर हो गये गीधराज अमर कर गए अपना नाम।
जब मेरी आत्मा हुई रूबरू मुझसे, कर बैठी एक सवाल! जब मेरी आत्मा हुई रूबरू मुझसे, कर बैठी एक सवाल!
ऐसे ही बेटों के ऊपर माता बलिहारी जाती हैंऐसे ही अमर सपूतों की आरती उतारी जाती है ऐसे ही बेटों के ऊपर माता बलिहारी जाती हैंऐसे ही अमर सपूतों की आरती उतारी जाती है